बुधवार, 24 सितंबर 2008

व्यापार आरम्भ करने के लिए कुछ मंत्र

व्‍यापारी उद्यम एक आर्थिक संस्‍था है, जो लाभ कमाने और धन अर्जन करने के लिए माल और सेवाओं के उत्‍पादन और/या वितरण में लगी हुई है। व्‍यापार की सम्‍भावना बहुत व्‍यापक है। इसमें बड़ी संख्‍या में क्रियाकलाप शामिल हैं जिन्‍हें मोटे तौर पर दो विस्‍तृत श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है अर्थात उद्योग एवं वाणिज्‍य/माल उत्‍पादन उद्योग का क्षेत्र है और वितरण वाणिज्‍य के अंतर्गत आता है। प्रत्‍येक उद्यमी का लक्ष्‍य एक व्‍यापार शुरू करना और इसे सफल उद्यम बनाना होता है। ''उद्यमी'' शब्‍द का अभिप्राय अवसर का लाभ उठाना और अनुशीलन करना और अभिनव परिवर्तन द्वारा जनता की आवश्‍यकताओं और जरूरतों को पूरा करना। वह आदमी, सामग्रियों और धन के रूप में संसाधनों में अभिनव परिवर्तन करता/करती और संसाधनों को मिलाता और उन्‍हें उद्यम व्‍यापार को फायदेमंद बनाने के निमित्त एक साथ मिलाता है। वह जोखिम उठाने और चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहता/रहती है। इस प्रकार से अच्‍छे उद्यम के लिए अभिनव परिवर्तन और जोखिम दो मूल तत्‍व हैं। व्‍यापार शुरू करने की तमाम प्रक्रिया व्‍यापार योजना लिखने से शुरू होती है। अच्‍छी व्‍यापार योजना सफल व्‍यापार की स्‍थापना करने की कुंजी है। एक बार जब योजना तैयार कर ली जाती है, तो योजना क्रियान्वित करते समय उद्यमी विभिन्‍न चुनौतियों का सामना करता है। निम्‍नलिखित के संबंध में उसको महत्‍वपूर्ण निर्णय लेने हैं :--


व्‍यापार का सृजन करना
योजना
उत्‍पाद का चयन करना
व्‍यापार का नामकरण और पंजीकरण करना
व्‍यापार संगठन का चयन करना
उद्योग के स्‍थान का चयन करना
अपने उत्‍पाद का मूल्‍य निधारण करना
विनियामक अपेक्षाएं
व्‍यापार की शुरूआत में वित्त पोषण
सोर्सिंग प्रक्रिया, कच्‍ची सामग्री मशीनरी और उपस्‍कर
मानव संसाधन किराए पर लेना।



उद्योग आयुक्‍तालय या निदेशालय विभिन्‍न राज्‍यों में नोडल एजेंसियाँ हैं जो संबंधित राज्‍यों में औद्योगिक यूनिट स्‍थापित करने में उद्यमियों की सहायता और उनका मार्गदर्शन करते हैं। वे उद्योग निवेशों के लिए उद्योग और अन्‍य एजेंसियों के बीच अन्‍तरापृष्‍ठ प्रदान करते हैं और उद्यमी को एक ही जगह एक ही केन्‍द्र से विभिन्‍न विभागों में अनुमोदन और मंजूरी प्राप्‍त करने में समर्थ बनाते हैं। वे पात्र औद्योगिक उपक्रमों के लिए प्रोत्‍साहन स्‍वीकृत करते एवं औद्योगिक यूनिटों के लिए विरल कच्‍ची सामग्री के आबंटन की पारदर्शी और स्‍वचलित प्रणाली का सृजन करते हैं। इसलिए एक नए उद्यमी को व्‍यापारी कम्‍पनी स्‍थापित करते समय संबंधित आयुक्‍तालय से सम्‍पर्क करना होता है।

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